सगा – डी के निवातिया डी. के. निवातिया 22/02/2018 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 20 Comments सगा *** वो न मेरा, न तेरा, न इसका, न उसका सगा थासैलाब हैवानियत का उसके जहन में जगा था !परवाह कब थी उसने दुनिया में इंसानियत कीदरिंदगी पे … [Continue Reading...]