शर्मीली अदा……….. डी. के. निवातिया 06/09/2016 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 12 Comments दिल की बात जुबान तक लाओ तो जाने फिर वही शर्मीली अदा दिखाओ तो जाने तरस गये उस पल को दुबारा जीने के लिये एक बार फिर वही अंदाज … [Continue Reading...]