वाह रे इंसान-Raquim Ali raquimali 16/05/2017 अज्ञात कवि 11 Comments …भाग -१…वाह रे इंसानकहां पहाड़-समंदर-गहरी खानछोटा-सा कद, पर लेता है सबको छानआकाश छू लेने का पाले रहता अरमान!प्रतिफल है उसकी प्रबल इच्छा-शक्ति कादुनिया भर का हर अद्भुत-नया साज-सामानतल्लीन-तपस्वी-तत्पर है, … [Continue Reading...]