वायदा मेरा — डी के निवातिया डी. के. निवातिया 08/11/2017 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 18 Comments वायदा मेरा ! जाने क्यों मिटाने में लगा है मुझको कायदा तेरामेरे मिट जाने में दिखा क्या तुझको फायदा तेरामिट भी गया तो दफ़न हो जाऊंगा तेरे जहन मेंदिल … [Continue Reading...]