वफ़ा डी. के. निवातिया 27/07/2016 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 22 Comments मतलबी दिखता है जग सारा, फिर भी किसी को अगर मुहब्बत में वफ़ा मिल जाए ! मंजर बस यूँ समझ लीजिये, सूरज पश्चिम से निकला, कमल खार में खिल … [Continue Reading...]