**एक नज़्म::Er Anand Sagar Pandey** Er Anand Sagar Pandey 29/08/2016 अज्ञात कवि 4 Comments ********एक नज़्म******* अब क्या तोहफ़े में दूं तुझको, जो कुछ था पीछे छूट गया, ना प्यार रहा ना माफ़ी है, ये वक्त ये दौलत लूट गया, हां हैरत के … [Continue Reading...]