रावण बदल के राम हो जायेंगे—डी. के. निवातिया डी. के. निवातिया 14/03/2017 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 18 Comments खुली अगर जुबान तो किस्से आम हो जायेंगे।इस शहरे-ऐ-अमन में, दंगे तमाम हो जायेंगे !! न छेड़ो दुखती रग को, अगर आह निकली ! नंगे यंहा सब इज्जत-ऐ-हमाम हो … [Continue Reading...]