मैने लिखना छोड़ दिया है:अनन्य Er Anand Sagar Pandey 19/11/2016 अज्ञात कवि 4 Comments **मैने लिखना छोड़ दिया है:Er Anand Sagar Pandey** “मैने लिखना छोड़ दिया है बासन्ती जज़्बातों को,प्रियतम की बिरहा में बीती सघन अकेली रातों को,मुझको मेरे शब्दकोष का दामन मैला लगता … [Continue Reading...]
मेरा ये हुक्म है सांसों:: आनंद सागर Er Anand Sagar Pandey 10/08/2016 अज्ञात कवि 14 Comments ताज़ा गज़ल- मेरा ये हुक्म है सांसों::Er Anand Sagar Pandey मेरा ये हुक्म है सांसों कि एहतियात रहे, वो रहे ना रहे ता-उम्र उसकी बात रहे l वो क़मर … [Continue Reading...]