राख…(पियुष राज) पियुष राज 26/07/2017 पियुष राज 5 Comments राखधन दौलत के अभिमान मेंइंसान हो जाता है मगरूरअपने आप को बड़ा समझकरअपनो से ही हो जाता है दूरमरने के बाद धन-दौलतसब कुछ हो जाता है खाकअंत मे जिंदगी … [Continue Reading...]
एक अजनबी से इतना प्यार क्यों है..-पियुष राज पियुष राज 05/04/2017 पियुष राज 4 Comments उस अजनबी से जुदा होने का मुझे मलाल क्यों हैना चाह कर भी हर वक़्त दिल में उसका ख्याल क्यों हैकुछ कसूर तो उसकी अदाओं का भो है मेरी … [Continue Reading...]