नकाब—मुक्तक—डी. के. निवातियाँ डी. के. निवातिया 22/11/2016 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 14 Comments अच्छा हो,या बुरा, सही गलत का कौन यहां जिम्मेदार हैजिस रहबर का उठाओ नकाब दीखता वो ही गुनेहगार हैव्यस्त है सभी के सभी अपने नुक्स सवारने – तरासने मेंहै … [Continue Reading...]