मिटटी – डी. के. निवातिया डी. के. निवातिया 14/08/2018 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 6 Comments मिटटी***जीवन का सार है,उत्पत्ति का आधार हैजल हो या वायुसंपूर्ण जगत की प्राण है मिटटी !!अम्बर को शीश धारे,प्रकृति को सीने पे वारेरवि की अग्न,चन्द्र की चुभनप्रेम से सहती … [Continue Reading...]