मानव जात – डी के निवातिया डी. के. निवातिया 05/06/2020 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ No Comments मानव जातचींटी से भी है कमतेरी औक़ात ।।दिल का छोटा,आदम की औलाद,कर्म का खोटा ।।काज न भाये,मुफ्तखोर शैतान,बाज़ न आये ।।नीच इंसान,राम राम भजतेबना हैवान ।।कर्म से गन्दा,मानवता की … [Continue Reading...]