माटी का पुतला — डी के निवातिया डी. के. निवातिया 17/10/2017 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 18 Comments माटी का पुतला ◊ हे मानुष !जीता है किस गुमान मेंपलता, बढ़ता हैजाने किस अभिमान में!-!जानकर भी हर कोई अन्जान हैकहते है यही विधि का विधान हैजाने क्यों सत्य … [Continue Reading...]