मरने दो — डी के निवातिया डी. के. निवातिया 21/08/2017 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 22 Comments मरने दो *** *** *** रेल पटरी से जनता की उतरी है, उतरने दो।हादसे होते है तो लोग भी मरते है, मरने दो।हम देश चलाते है हवाई जहाजो में … [Continue Reading...]