मगर वह है कि नहीं आती… Raquim Ali raquimali 25/05/2017 अज्ञात कवि 12 Comments मगर वह है कि नहीं आतीअब आएगी, अब आएगी वह, सोचता रहता हूँ रोज़ सुबह से ही, उसका रास्ता ताकता रहता हूँ जब भी दिख जाती है वह, खुश … [Continue Reading...]