दूर रह कर हमेशा हुए फासले मदन मोहन सक्सेना 21/11/2017 मदन मोहन सक्सेना 5 Comments दूर रह कर हमेशा हुए फासले ,चाहें रिश्तें कितने क़रीबी क्यों ना होंकर लिए बहुत काम लेन देन के ,विन मतलब कभी तो जाया करोपद पैसे की इच्छा बुरी … [Continue Reading...]
मंज़िल – मेरी शायरी……. बस तेरे लिए sarvajit singh 17/10/2017 सर्वजीत सिंह 14 Comments मंज़िलकई बार घबरा जाता है ये दिल देख कर ज़िन्दगी की मुश्किलें ……………………पर कभी मैं टूटा नहीं हौसला छोड़ा नहीं क्योंकि लगता है के मंज़िल बहुत करीब है …………………. … [Continue Reading...]