बेसुध हुए हम… Raquim Ali raquimali 08/05/2017 अज्ञात कवि 13 Comments हमने देखा, चोरों की बस्ती में मस्ती बहुत थीथोड़ा सहमे, सुर में सुर हम भी मिलाने लगे थे;तमाशाई बने पहले तो, दूर-दूर ही हम खड़े थे जाने कब, गीत … [Continue Reading...]