तेरे दर से उठे कदमों को Er Anand Sagar Pandey 03/08/2016 अज्ञात कवि No Comments तेरे दर से उठे कदमों को किस मंज़िल का पता दूंगा मैं, भटक जाऊंगा तेरी राह में और उम्र बिता दूंगा मैं l हां मगर अपने होठों पे तेरा … [Continue Reading...]