बदन संगेमरमर — डी के निवातिया डी. के. निवातिया 19/07/2017 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 18 Comments बदन संगेमरमर बदन संगेमरमर है या तराशा हुआ टुकड़ा कांच साशबनम की बूँद ढले तो लगे तपता कनक आंच सानजर है की उस उत्कृष्ट जिस्म पर ठहरती ही नहींनिहारने … [Continue Reading...]