हिन्दू देखे ,मुस्लिम देखे इन्सां देख नहीं पायामंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में आते जाते उम्र गयीअपना अपना राग लिए सब अपने अपने घेरे मेंहर इन्सां की एक कहानी सबकी ऐसे …
दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता हैबक्त कब किसका हुआ जो अब मेरा होगाबुरे बक्त को जानकर सब्र किया मैनेंकिसी को चाहतें रहना कोई गुनाह तो नहींचाहत का इज़हार न …