कविता_ “हम एक नाव पर सवार है” Abdullah Qureshi 19/06/2020 अज्ञात कवि No Comments हम एक नाव पर सवार हैं, मन में भरा क्यूँ इतना गुबार है;ना करो गुस्ताखियां ऐसी यहाँ, जाना तो सभी को उस पार है;क्यों बाँट रहे हो तुम इनको, … [Continue Reading...]