पैगाम—–डी. के. निवातियाँ डी. के. निवातिया 01/09/2016 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 49 Comments हवाओं से मिला पैगाम मै घबरा गया । मुझे तुमने दी आवाज लो मै आ गया ।। कब से लगाये था आस तेरे मिलन की जब आई वो घडी … [Continue Reading...]