नज़ारा – डी के निवातिया डी. के. निवातिया 25/09/2018 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 8 Comments नज़ारा***कुछ इस तरह मुझ से किनारा कर लिया !मेरे अपनों ने घर-बसर न्यारा कर लिया !!समझता रहा जिन्हे ताउम्र मै खुद का हमदर्द !फूलों से ज़ज़्बातों को उन्होंने अँगारा … [Continue Reading...]