मेरी मौतों पर सरकारें:Er Anand Sagar Pandey Er Anand Sagar Pandey 22/09/2016 अज्ञात कवि 10 Comments मेरी कलम नहीं उलझी है माशूका के बालों में, मेरे लफ्ज नहीं अटके हैं राजनीति की जालों में, मैने अपने अंदर सौ-सौ जलते सूरज पाले हैं, और सभी अंगारे … [Continue Reading...]