नादान दिल …..डी. के. निवातियाँ _ डी. के. निवातिया 25/11/2016 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 12 Comments साथ निभाना नही था तो जिंदगी में आये क्यों थे जन्मो के बंधन रिश्तो के धागे में पिराये क्यों थेजब मालूम था खिलना तुम्हे किसी और के चमन फिर … [Continue Reading...]