Tag: नशा
नशा करना है तो ईश भक्ति का करो मादकता मे क्या रखा है। जिदंगी किसी नेक मकसद से जियो विलासिता मे क्या रखा है । वैसे तो संसार मे …
नशा जवानी का अक्सर होश खो देता है अच्छे – बुरे मे फर्क कि समझ खो देता है भटक जाता इस उम्र में युवा जीवन पथ से बहकर रवानी …
नशा इश्क का हो तो मुहबब्त से दामन जोडता है, जुबान बंद होती है मगर नजरो से बहुत कुछ बोलता है आबाद हुआ तो ठीक है, वरना इस बेरहम …
नशा शराब का हो तो दिमाग के पट खोलता है दिल मे दबे राजो को बडी आसानी से खोलता है जुटा नही सकता जो हिमम्त दो लफ़्ज कहने की …
नशा दौलत का जब सर चढकर बोलता है हर एक शै: को कागजी टुकडो से तोलता है कर देता है कत्ल जहन से सब जज्बातो का इंसानियत को भी …