दो बाते डी. के. निवातिया 23/07/2016 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 20 Comments दो बाते किसी ने जी भर प्रेम रस बरसाया किसी ने नफरत का दरिया बहाया बस इन दो बातो मे जिदंगी कट गई गिराया किसी ने तो उठना सिखाया … [Continue Reading...]