Tag: दोहा
सेल्फ़ी ले-ले घूमता, मानव विविध प्रकार। कैसी उमंग मन में जगी, इच्छा अतृप्त अपार।।1 सेल्फ़ी अब जा चढ़ि, खींची जो तस्वीर। छवि मनोहर जो मिली, नयन कटीले तीर।।2 सेल्फ़ी …
गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर गुरुजी के श्री चरणों मे समर्पित चंद दोहे….=======================साढ़ मास की पूर्णिमा,गुरु पूनम कहलाय ।गुरू ज्ञान की जोत से,तम को दूर भगाय ।।”गु”और “रू” के …
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विजय कुमार सिंह vijaykumarsinghblog.wordpress.com
बदरा फटि फटि जात हैं कुटिया बहि बहि जाय । जल जन-जन समात हैं जन जल उबरि न पाय । ढहत पुलिया ढहत राह मरि रहे लोग बाग़ । …
विजय कुमार सिंह vijaykumarsinghblog.wordpress.com