दे देना हमको माफ़ी – डी के निवातिया डी. के. निवातिया 02/07/2020 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 8 Comments मैं पतझड़ की पाती, तुम हो उपवन का फूल ! दे देना हमको माफ़ी, जो हो जाए हमसे भूल !! मै गाँव का देशी छोरा तुम ठहरी शहरी मेम, … [Continue Reading...]