दे कलम को धार — ग़ज़ल-नज्म — डी. के. निवातियाँ डी. के. निवातिया 09/12/2016 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 16 Comments दे कलम को धार अब तलवार बनाना होगा ! भर लफ्जो की हुंकार हथियार बनाना होगा !!जब बात बने ना मान मुनव्वल से, जान लो अपने डंडे की ताकत … [Continue Reading...]