गाथा एक वीर की — डी के निवातिया !! डी. के. निवातिया 04/07/2017 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 54 Comments मेरे दिल की सबसे अजीज मेरी एक रचना आज आपके समक्ष रख रहा हूँ , इस रचना को मैं लिखते हुए भी रोया था,,, और जब भी पढता हूँ … [Continue Reading...]
जिगर का टुकड़ा Dr Chhote Lal Singh 22/07/2016 छोटेलाल सिंह 12 Comments जिगर का टूकड़ा ———————– एक जिगर का टूकड़ा मेरा जा रहा मुख मोड़कर . माँ को अपने छोड़कर माँ को अपने छोड़कर आँसुओं का जलजला तन मन में मेरे … [Continue Reading...]