दूर करके rakesh kumar 29/08/2016 राकेश कुमार 5 Comments हे मुरलीधर,हे मनोहर मेरे अधर तुझे बुलाते हैं कचोट रहे कलयुग में मुझको जो तेरा मज़ाक उड़ाते हैं हे चितचोर ,बांके बिहारी चोरी का इल्जाम लगाते हैं ये अंधे … [Continue Reading...]