दुनिया संगदिल ……. डी. के. निवातिया 31/08/2016 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 19 Comments ये दुनिया बड़ी संगदिल है यारो सिर्फ मतलब से बात करती है जरुरत पड़े तो कदमो कि दास वरना पहचानने से इनकार करती है ।। [Continue Reading...]