दिल की खोली — डी के निवातिया डी. के. निवातिया 19/01/2017 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 10 Comments खाली है दिल कि खोली इसको भर दोकुछ दौलत अपनी हमे ईनाम कर दोनहीं चाहिये कुबेर या जमीं का टुकड़ाथोड़ी सी चाहत अपनी मेरे नाम कर दो !!!!!डी के … [Continue Reading...]