दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता है मदन मोहन सक्सेना 07/11/2017 मदन मोहन सक्सेना 4 Comments दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता हैबक्त कब किसका हुआ जो अब मेरा होगाबुरे बक्त को जानकर सब्र किया मैनेंकिसी को चाहतें रहना कोई गुनाह तो नहींचाहत का इज़हार न … [Continue Reading...]
तेरे दर से उठे कदमों को Er Anand Sagar Pandey 03/08/2016 अज्ञात कवि No Comments तेरे दर से उठे कदमों को किस मंज़िल का पता दूंगा मैं, भटक जाऊंगा तेरी राह में और उम्र बिता दूंगा मैं l हां मगर अपने होठों पे तेरा … [Continue Reading...]