तेरे नाम – डी के निवातिया डी. के. निवातिया 09/02/2018 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 18 Comments तेरे नाम — सोचता हूँ एक ग़ज़ल तेरे नाम लिख दूँ राज़-ऐ-दिल मुहब्बत के तमाम लिख दूँ उठे गर नजरे तो रोशन ऐ आफताब कहें ज़रा झुके जो पलकें, … [Continue Reading...]