तन्हा — डी के निवातिया डी. के. निवातिया 25/10/2017 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 20 Comments तन्हा -♦-◊-♦- बड़ी तन्हा गुज़री है ये जिंदगी तेरे बिन खुशहाल तू भी नहीं रहा कभी मेरे बिन !एक दूजे कि आरज़ू में गुज़री उम्र तमाम तजवीज़ बहुत की … [Continue Reading...]