हमारी हम, तुम्हारी तुम जानों – डी के निवातिया डी. के. निवातिया 08/02/2019 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 2 Comments हमारी हम जानें, तुम्हारी तुम जानों *** *** *** !तुम में रमते हम और हम में तुम होये एहसास-ऐ-दिल कभी तो पहचानोंसच, करीब कितने है हम एक दूजे के,हमारी … [Continue Reading...]