जब से हम कांटो को, गले से लगाने लगे है डी. के. निवातिया 05/06/2020 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ No Comments जब से हम कांटो को, गले से लगाने लगे हैलोग फूलो की चुभन से, हमे सताने लगे है !दर्द से रिश्ता कुछ ख़ास-म-खास हुआ हैमर्ज़-ऐ इश्क में खुद सुधार … [Continue Reading...]