मेरा गाँव (बाल कविता) सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 13/09/2016 सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' 8 Comments शिल्प: चौपई छंद 15-15 मात्राओ की 4 सम मात्रिक चरण अंत में गुरु लघु।।। नदी किनारे मेरा गाँव। बरगद देता शीतल छाँव। सुंदर मनमोहक ये ठाँव देख पथिक के … [Continue Reading...]