गुनगुनी सी धूप — डी के निवातिया डी. के. निवातिया 09/01/2018 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 12 Comments गुनगुनी सी धूप शरद ऋतू में पीली सुनहरी गुनगुनी सी धूपकुहासे की श्वेत चादर में लिपटे रवि का रूपफुर्रफुराती कलँगी में डाल-डाल फुदकते पंछीअच्छा लगे अलसायी बेलो का निखरता … [Continue Reading...]