गंवारा नहीं – डी के निवातिया डी. के. निवातिया 22/04/2019 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 4 Comments गंवारा नहीं *** जाज़िब आब-ए-आईना है हम, कोई आवारा नहीं,हुस्न करे नज़रअंदाज़ कोई ये हमको गंवारा नहीं । मिल गए है ख़ाक में हूर-ऐ-जन्नत जाने कितने,लेकर अपनी पनाहो में जिसे … [Continue Reading...]