खुद को तोड़ ताड़ के shivdutt 10/12/2017 शिवदत्त श्रोत्रिय 10 Comments कब तक चलेगा काम खुद को जोड़ जाड केहर रात रख देता हूँ मैं, खुद को तोड़ ताड़ के ||तन्हाइयों में भी वो मुझे तन्हा नहीं होने देताजाऊं भी … [Continue Reading...]