ओम पूरी जिन्दा हैं… बृजमोहन स्वामी 'बैरागी' 05/04/2017 दिव्या श्रीवास्तव 1 Comment मेरे बाथरूम मेंएक अनोखा प्रयोग चल रहा है/दरवाज़ा बन्द कर के/घण्टों बैठा रहता हूँ.. घुटन की साँस लिए/हर रोज़सोचता हूँ “आज क्या मैं ईमानदार नहीं रहा ?”(जो कि सरेआम … [Continue Reading...]
पेड़ -लताआेँ के हुल chandramohan kisku 06/07/2016 चन्द्र मोहन किस्कु 2 Comments अब जंगल -पर्वतों में पलाश फूल खिला है लाल अति सुन्दर जैसे कोई हुल का आग जलाया है देश के हर कोने में जंगल -पर्वतों के पेड़ -लताएं अब … [Continue Reading...]