कुछ तो कमी सी है …. डी. के. निवातिया 29/08/2016 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 14 Comments क्यू लगे रुखा सा कुछ तो कमी सी है ! जिंदगी में तेरे बिन, कोई कमी सी है !! नीरस मन शुष्क तन, सूरत हुई बंजर फिर भी अधरों … [Continue Reading...]