किनारा – डी के निवातिया डी. के. निवातिया 28/03/2019 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 8 Comments किनारा मझदार में टूटी कश्ती को किनारा नहीं मिलता,मन के अंधेरों में खोये को,उजियारा नहीं मिलतासंभलकर चल राही, अपने वक़्त को पहचानकरबीता हुआ लम्हा जिंदगी में दोबारा नहीं मिलता … [Continue Reading...]
तुम्हारे बिन मुझे मेरा सहारा भी नहीं मुमकिन Er Anand Sagar Pandey 03/08/2016 अज्ञात कवि 10 Comments नफे की बात क्या करना खसारा भी नहीं मुमकिन, तुम्हारे बिन मेरा इक पल गुज़ारा भी नहीं मुमकिन l अगर तुम साथ रहते हो तो दुनिया साथ रहती है, … [Continue Reading...]