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हार रहा हूँ मैंकवि लगातार विपल होने पर उदास होकर कहता हैहार रहा हूँ मैंटूट रहा हूँ मैंपिघल रहा हूँ मैंजाने कितने दिलों सेनिकल रहा हूँ मैं।हर बार है …
कहीं तुम परी तो नहींसुंदर रूप, नयन छोटे सेचेहरे पर लाली है छायी,जुल्फों का यूं, हवा में उड़नाजैसे काली घटा है आई।ओठों पर मुस्कान है ऐसे जैसे फैली हो …
कवि लिख लिख रचना कवि भये, मांगे सबका प्यार !खुद न किसी को भाव दे, बन कर रचनाकार !! नवयुग का आधार है, करते मन की बात !सबका चाहे …