कविता_ “हम एक नाव पर सवार है” Abdullah Qureshi 19/06/2020 अज्ञात कवि No Comments हम एक नाव पर सवार हैं, मन में भरा क्यूँ इतना गुबार है;ना करो गुस्ताखियां ऐसी यहाँ, जाना तो सभी को उस पार है;क्यों बाँट रहे हो तुम इनको, … [Continue Reading...]
एक ख्याल — डी के निवातिया डी. के. निवातिया 30/08/2017 धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ 16 Comments एक ख्याल ***@*** अक्सर मेरे घर आने से कतराने लगे हैमेरे अपने चाहने वाले लोग क्योकि झुकना उनकी शान के खिलाफ है इधर मेरे घर की चौखट छोटी ठहरी … [Continue Reading...]