आवारा भटकता फ़िर रहा हूँ SARVESH KUMAR MARUT 12/06/2017 सर्वेश कुमार मारुत No Comments आवारा भटकता फिर रहा हूँ मैं,जाने क्यों उनकी यादों में।इस तरह यह ज़ीवन आधा गुजारा ,आरज़ू भी करते हैं ,फरियाद करते हैं।मैं हूँ एक ऐसा बेचारा !इस जहाँ में … [Continue Reading...]