जल ही जीवन – दीपक श्रीवास्तव Deepak Srivastava 26/07/2019 अज्ञात कवि 1 Comment जल ही जीवन, जल ही जीवन।इस अमृत से चेतन तन मन॥ जल बिन रक्त नसों में कैसे?जल बिन वायु जियेगी कैसे?जल बिन तन में जीवन कैसे?जल बिन वृक्ष जिएंगे … [Continue Reading...]